कभी कलम की नोक देखता हूँ,
कभी कागज़ का खालीपन देखता हूँ.
ज़ुबान जो कहने में सक्षम नहीं ,
सियाही में उन शब्दों के अक्स देखता हूँ.
यूँ तो कलम की कमान
है मेरे ही हाथ में,
फिर भी अक्सर मेरे बस में नहीं.
दिल से कोई रिश्ता सा है इसका,
उसी की बातें लिखता है.
लिखते-लिखते, इक अजीब सा बोध हुआ,
कि जब-जब कागज़ पे
सियाही के धब्बे बिखेरे,
तो ये दिल का दर्पण बन गया.
कभी-कभी कलम की
कागज़ पर नकाशी देख,
आँखें भी हैरान हुईं.
जो दिल खुद को भी
बता न पाया,
वैसी बातें भी आम हुईं.
स्वच्छ कागज़ को
निरर्थक बातों से अधभरा देख,
कभी ये भी विचार आता है,
कि क्या मैं यूँ ही
जीवन के सफ़ेद पृष्ट पर
कर्मों कि कालिक मलता रहा हूँ!
इन विचारों, इन भावों से जूझती रही
पर कलम कभी रुकी नहीं.
कि शायद शब्दों के इस बहाव में,
कोई अपना बहाव देखे.
और मेरी निरर्थक बातों में,
कोई अपने जीवन को सार्थक देखे.
कुछ बातें लिख के काट दी हैं,
शायद कलम भी हिचकिचाती है.
दिल कि कटपुतली जो ठहरी,
दिल के ऐब छुपाती है.
फिर भी, कागज़ के सफ़ेद चौसड़ पर
शब्दों के दांव लगाता हूँ .
जो हारूँ तो मौन सहूँ,
जीतूँ तो मौन कर दूँ.
कभी कागज़ का खालीपन देखता हूँ.
ज़ुबान जो कहने में सक्षम नहीं ,
सियाही में उन शब्दों के अक्स देखता हूँ.
यूँ तो कलम की कमान
है मेरे ही हाथ में,
फिर भी अक्सर मेरे बस में नहीं.
दिल से कोई रिश्ता सा है इसका,
उसी की बातें लिखता है.
लिखते-लिखते, इक अजीब सा बोध हुआ,
कि जब-जब कागज़ पे
सियाही के धब्बे बिखेरे,
तो ये दिल का दर्पण बन गया.
कभी-कभी कलम की
कागज़ पर नकाशी देख,
आँखें भी हैरान हुईं.
जो दिल खुद को भी
बता न पाया,
वैसी बातें भी आम हुईं.
स्वच्छ कागज़ को
निरर्थक बातों से अधभरा देख,
कभी ये भी विचार आता है,
कि क्या मैं यूँ ही
जीवन के सफ़ेद पृष्ट पर
कर्मों कि कालिक मलता रहा हूँ!
इन विचारों, इन भावों से जूझती रही
पर कलम कभी रुकी नहीं.
कि शायद शब्दों के इस बहाव में,
कोई अपना बहाव देखे.
और मेरी निरर्थक बातों में,
कोई अपने जीवन को सार्थक देखे.
कुछ बातें लिख के काट दी हैं,
शायद कलम भी हिचकिचाती है.
दिल कि कटपुतली जो ठहरी,
दिल के ऐब छुपाती है.
फिर भी, कागज़ के सफ़ेद चौसड़ पर
शब्दों के दांव लगाता हूँ .
जो हारूँ तो मौन सहूँ,
जीतूँ तो मौन कर दूँ.
publish kyu nahi karwate?
ReplyDeleteजो हारूँ तो मौन सहूँ,
ReplyDeleteजीतूँ तो मौन कर दूँ.
_/\_
Kalam se kalam par likha kamaal ka kalaam !!!!!
ReplyDeleteKalam se kalam par likha kamaal ka kalaam !!!!!
ReplyDelete